भारत विश्व का चौथा देश बनने जा रहा है जो की चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहा है । दिलचस्पी की बात तो ये है की भारत विश्व का पहला एसा देश है जो सबसे कम खर्च में एसा कर पाने में सफल हुआ है । हॉलीवुड में बनी वर्ल्ड फेमस फिल्म “अवेंगेर्स एन्डगेम” का प्रोडक्शन बजट 2530 करोड़ रुपये था जबकि भारत की सबसे मज़बूत तथा प्रसिद्द स्पेस अगेंस इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन) चंद्रयान-२ मिशन को सफल बनाया है वो भी इस मूवी से आधे से भी कम लागत में ।

इसरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार चंद्रयान-२ मिशन की लागत मात्र 978 करोड़ रुपये है । पिछले 10 सालो में भारत ने एक के बाद एक कुल 20 ऐसे स्पेस मिशन लॉन्च किये है जिनकी लागत विश्व के किसी भी स्पेस मिशन से काफी कम है । इसरो की इस लागत को कम कर पाने का श्रेया देश के युवाओ के हुनर को जाता है ।

इसरो ने अपने स्पेस मिशंस को लॉन्च करने तथा उसकी तय्यारी करने के लिए विदेश से एक्सपर्ट्स तथा साइंटिस्ट्स को बुलाना बंद कर दिया है, जिससे की हर स्पेस मिशन की लागत काफी हद्द तक कम हो गए है । इसरो अब इस काम के लिए अपने युवा वैज्ञानिको के ज्ञान पर निर्भर करता है । इतना ही नहीं बल्कि इसके कारन मिशंस को अपेक्षाकृत कम समय में भी कम्पलीट कर लिया जाता है ।

इसी तरह वर्ष 2014 में भारत ने मंगल गृह पर मंगलयान मिशन जारी किया था जिसकी कुल लागत मात्र 532 करोड़ रुपये थी जो की नासा द्वारा लांच किये मार्स मिशन की लागत 1346  करोड़ रुपये से आधे से भी कम है । इसरो की विश्वसनीयता की बात करे तो इसरो ने वर्षा 2017 में 104 मिनी सैटेलाइट्स को सिंगल मिशन में लांच कर के रूस का विश्व रिकॉर्ड ब्रेक किया था । इसमें तकरीबन 92 सैटेलाइट्स अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा की थी ।

इसके पहले रूस का सिंगल स्पेस मिशन में सबसे अधिक सैटेलाइट्स (37) भेजने का रिकॉर्ड था । यह वही रूस है जिसने भारत को वर्ष 2013 में लैंडर यान देने में असमर्थता जताई थी जिसके कारन की भारत का चंद्रयान – 2 मिशन वर्ष 2013 में लॉन्च नहीं हो सका ।

चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत चौथा एसा देश होगा जो की एसा कर पाने में सफल है । अबी तक विश्व के केवल 3 देश अमेरिका, रूस और चाइना ही एसा कर पाने में सफल रहे है । भारत के अलावा और भी कई देशो ने सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश की है । अभी तक चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के कुल 38 प्रयास हुए है जिसमे से 52% प्रयास ही सफल है ।

भारत का सॉफ्ट लैंडिंग कर पाने का यह पहला ही प्रयास है । और अगर भारत एक ही प्रयास में सफल हो जाता है तो वहा एसा कर पाने वाला विश्व का पहला देश होगा । चंद्रयान-2 इसरो से टेलीमेटरी, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क के द्वारा जुडा रहेगा और जानकारी भेजता रहेगा । चंद्रयान-2 मिशन भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से 22 जुलाई 2019 को लांच किया गया था ।

विक्रम लैंडर

इसके भीतर मौजूद विक्रम लैंडर चाँद पर लैंड करने के लिए 2 सितम्बर को चंद्रयान-2 से अलग हो चूका था । यह लैंडर शनिवार रात तकरीबन 1 बजकर 50 मिनट पर चाँद की सतह पर साउथ पोल पर लैंड करेगा । जब विक्रम लैंडर चाँद की सतह से मात्र 35 किमी दूर होगा उस समय इसमें लगे पांचो इंजन स्टार्ट हो जाएँगे और अंतिम समय में गति को शुन्य कर दिया जाएगा ताकि लैंडर चाँद की सतह पर बिना किसी हलचल के सॉफ्ट लैंडिंग कर सके ।

प्रज्ञान रोवर

सॉफ्ट लैंडिंग होते ही रोवर और लैंडर एक दुसरे की तस्वीर लेंगे और उसके बाद लैंडर के अंदर मौजूद रोवर लुडक कर निकलेगा और चाँद की सतह पर भ्रमण करना शुरू कर देगा और चाँद की लूनर सतह के बारे में जानकारी एकत्रित कर के उसे इसरो को भेजेगा । चाँद की सतह पर लुदकते समय प्रज्ञान रोवर के पहिये चाँद की मिट्टी पर भारत के तिरंगे और इसरो के लोगो का निशान छोड़ते जाएँगे ।